नंगे पैर घंटों दौड़ाया
अपहृतों के साथ राजकुमार गैंग ने दरिंदगी का व्यवहार किया। उनके जूते उतरवा लिए। कंटीली झाड़ियों और बीहड़ के ऊबड़ खाबड़ रास्ते पर नंगे दौड़ाया गया। इससे शरद झावर की हालत तो बेहद खराब हो गई। सुरेश के पैर में राड पड़ी थी इससे वह भाग नहीं सके। भूख प्यास से बुरा हाल था। उनके साथी कुछ समय तक उन्हें साथ लेकर भागते रहे लेकिन कुछ देर बाद उनकी मौत हो गई।
राजकुमार का दादा भी था डकैत
सिमरई गांव में राजकुमार का घर
राजकुमार और उसका भाई राजनारायण का दादा भी अपने जमाने में डकैत रहा था। रामसनेही के यह दोनों पुत्र भिंड जिले के गोरमी थाना क्षेत्र के स्वेच्छापुर गांव के रहने वाले थे। सिमरई गांव में अब उनका घर खंडहर हो चुका है। उनके दादा रामलाल का साठ के दशक में चंबल के बीहड़ों में आतंक था। क्षेत्र के बुजुर्ग बताते हैं कि रामलाल ने 40 साल पहले अकेले ही तीन दिन तक राजस्थान पुलिस से लोहा लिया था। राजकुमार और राजनारायण ने 2007 में गोरमी थाने के स्वेच्छापुर गांव में भारत भूषण उर्फ सेठी की हत्या की थी। दो साल में दोनों भाइयों ने मध्यप्रदेश के पावुई, अटेर, गोरमी, महुआ थाना क्षेत्र में ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम देकर आतंक मचा दिया था। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मध्यप्रदेश पुलिस ने दोनों पर 15-15 हजार रुपये का ईनाम घोषित किया है। फिलहाल गैंग में दस सदस्य हैं। राजकुमार हमेशा वर्दी में रहता है। उसके सदस्य उसे फौजी कहकर बुलाते हैं।
2 टिप्पणियां:
पिछले दिनों ही इस ब्लॉग के बारे में मालूम चला, तब से बेताब था, जो कुछ बीहड़ो के बारे में सुना था, आज उस ज्ञान में इजाफा हुआ......
पिछले दिनों ही इस ब्लॉग के बारे में मालूम चला। बीहड़ों के बारे में काफी कुछ सुना था, आकर ज्ञान में काफी इजाफा हुआ.....
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