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बुधवार, 23 जुलाई 2008

बीहड़ में ऐसी हो जाती है हालत


बीहड़ में डकैतों का पीछा आसान नहीं है। इसका अंदाज शहर में बैठे और पुलिस को गाड़ी पर घूमते देखने वाले नहीं लगा सकते हैं। इन दिनों बीहड़ के जानकारों के बीच राजस्थान के धौलपुर जिले के बसई डांग की खूब चर्चा है। दरअसल बीहड़ में चर्चित चार गैंग इन दिनों इसी बीहड़ में हैं। इनमें रामसहाय, कमल गुर्जर, जगन गुर्जर इसी इलाके के हैं। इस बीहड़ की संरचना कुछ ऐसी है कि इसमें कांबिंग करना बेहद कठिन है। दूसरे संचार क्रांति ने डकैतों के मुखबिर तंत्र को और अधिक मजबूत बना दिया है। बीहड़ के आसपास पुलिस की आहट होते ही गैंग मुखिया तक इसकी सूचना पहुंच जाती है। बसई डांग के बीहड़ में घुसने के दो ही रास्ते हैं। इसके एक रास्ते में कमल गुर्जर का गांव पड़ता है और दूसरे में गेंदा बाबा का मंदिर है जहं कमल का चाचा पुजारी है। ऐसे में पुलिस कहीं से घुसे गिरोह को सूचना हो जाती है। यही नहीं करीब 40 किलोमीटर की पट्टी में फैले इस बीहड़ में पानी की बेहद किल्लत है। अगर गेंदा बाबा मंदिर से चंबल को सीधे चलें तो करीब 20 खादर को पार करना होता है। इसे पार करने में ही पसीने छूट जाते हैं। ऐसे में बीहड़ में पानी की खोज में ही मुशिकल होती है।

2 टिप्‍पणियां:

bhuvnesh sharma ने कहा…

अच्‍छा लगा आपका ब्‍लॉग....बढि़या जानकारी दे रहे हैं बीहड़ के बारे में...मैं भी चंबल क्षेत्र(मुरैना) का निवासी हूं सो इस बारे में और जानना अच्‍छा लगता है
09406507251

अजय मूड़ौतिया ने कहा…

योगेश जी, चम्बल के समीप बीहड़ के दर्द को आपने कुशलता से उकेरा है.. लेकिन आगरा के ऐसे बीहडों का क्या?