गुरुवार, 16 अक्टूबर 2008
खानों पर डकैतों का कब्जा
धौलपुर इलाका पत्थरों की खान के लिए मशहूर है। इस एक काम से ही राज्यों को करोड़ों की आमदनी होती है। अफसोस इस बात का है इस इलाके पर कानून नहीं डकैतों का राज्य चलता है। दस्यु उन्मूलन में पुलिस भले ही ताकत लगा रही हो लेकिन राजस्थान के धौलपुर जिले के बसेड़ी और सरमथूरा और मुरैना जिले के सबलगढ़ और करोली के कुछ इलाकों में डकैतों का ही हुकुम चलता है। इलाके में सक्रिय एक दर्जन से अधिक दस्यु बंदूक की दम पर इन खान संचालकों से लाखों रुपये की वसूली करते हैं। जनपद के चंबल इलाके में इस समय दस्यु सरगना जगन गुर्जर पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है। इस गैंग का सदस्य पान सिंह और कोमेश चौथ वसूली के लिए जाते हैं। करौली जनपद में प्रेम सिंह मीणा और रामबाबू काछी के हाथ वसूली की बागडोर है। यह दस्यु विशेष तरीके से काम करते हैं और किसी एक दिन आकर खान संचालक या श्रमिकों को अपना फरमान सुना चौथ की रकम और स्थान देकर एक कोड वर्ड देते हैं। तय दिन और समय तक रकम न पहुंचने तक खान में काम बंद रहता है।
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1 टिप्पणी:
ये कोई नई बात नहीं हैं। मैने संभवत: 1984/85 में माया पत्रिका के लिए कवर स्टोरी की थी तब वहां के दो मंत्री और एक विधायक दस्युओं के असली सरगना थे। तब से अब तक हालत जस के तस हैं।
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