शिवपाल यादव से मिलने सैफई पहुंची रेनू यादव |
एक
समय चंबल घाटी की कुख्यात दस्यु सुंदरी रही फूलन देवी की तरह दूसरी दस्यु
संुदरिया भी राजनीति मे आने के लिये इस समय लालयित नजर आ रही है। इसी कडी
ताजा नाम जुडने जा रहा है रेनू यादव का । रेनू यादव चंबल घाटी मे एक समय मे
अपने आतंक और खूबसूरती के कारण खासी चर्चा मे रही है। रेनू यादव समाजवादी
पार्टी के जरिये राजनीति मे आने का सपना देख रही है।
चंबल
घाटी के डाकू रहे हो या फिर किसी दूसरे इलाके के डाकू सब पर राजनेताओ की
मेहरबानी रही है और इसी मेहरबानी के नतीजे मे डाकुओ को खासी ताकत भी मिली
रही है। कभी चंबल मे अपने आतंक और खूबसूरती का जलवा बिखेर चुकी दस्यु
संदुरी रेनू यादव समाजवादी पार्टी के जरिये अब राजनीति उतरने का सपना देख
रही है।
उत्तर
प्रदेश के कैबनिट मंत्री शिवपाल सिंह यादव से मिलने के लिये सैफई मे
पहुॅची पूर्व दस्यु सुन्दरी रेनू यादव को देखने के लिये सैफई मे लोगो का
तॉता लग गया हर कोई उसकी एक झलक पाने को बेताव रहा। जींस पेन्ट ओर शर्ट
पहने सैफई पहॅुची पूर्व दस्यु सुन्दरी रेनू यादव ने सैफई मे बातचीत मे कहा
कि उसको दस्यु सुन्दरी वनाने वाली पुलिस है पुलिस मुझे बदमाशो के चंगुल से
आजाद तो करा नही सकी उल्टा उसे दस्यु सुन्दरी बना दिया जब कि न्याय पालिका
ने मुझे पूरी राहत दी और मेरे साथ न्याय किया।
रेनू
यादव का मानना है कि आज समाजवादी पार्टी की सरकार आने के बाद हर किसी को
न्याय की आस बंधी है ऐसे मे उसे भी उम्मीद है कि उसके साथ जो अन्याय पुलिस
की ओर से किया गया जरूर ही उसको भी न्याय मिलेगा। रेनू अपने साथ हुये
अन्याय को लेकर उस समय के पुलिस अफसरो के खिलाफ कार्यवाही चाह रही है क्यो
कि रेनू का मानना है कि उसके साथ पुलिस ने ना केवल अन्याय किया बल्कि उसको
जान बूझ करके डाकू बनाने मे बडी भूमिका अदा की है।
रेनू
को आज भी वह घटना याद है जब 29 नबम्बर 2003 को स्कूल जाते समय दस्यु चन्दन
यादव ने उसका अपहरण कर लिया गया था। जिसमे पुलिस की चौखट पर रेनू यादव के
पिता विद्याराम यादव निवासी जमालीपुर थाना कोतवाली औरैया को न्याय नही मिला
उनकी थाने मे कोई बात नहीं सुनी गयी। अपहरण के वाद फिरौती के लिये गैंग
में रेनू प्रताडना व उत्पीड़न की शिकार होती रही। और गैंग द्वारा जो भी
बारदात की जाती उसमें बतौर मुलजिम मेरा नाम भी शामिल कर दिया जाता था।
पुलिस ने भी अपनी नाकामी छिपाने के लिए मुझे भी गैंग का सदस्य मानकर मुझे
दस्यु सुन्दरी का खिताब दे डाला।
रेनू
यादव बताती है कि दस्यु गैंग में चार जून 2005 को दस्यु चन्दन यादव व
दस्यु रामवीर गुर्जर की मुठभेड़ में चन्दन यादव के मारे जाने के बाद दस्यु
रामवीर गुर्जर ने मुझे व गैंग को बन्धक बनाकर मुझे अपनी बदनियती का शिकार
बनाने की कोशिश की तो मैने दस्यु रामवीर गुर्जर की ही बन्दूक से अपनी इज्जत
आवरू की रक्षा हेतु गोली मार दी और मौका पाकर मै वहॉ से भाग निकली। तो इस
पर बौखलाहट में रामवीर गुर्जर ने हमारी गैंग के तीन सदस्यों को लाइन में
खड़ा कर हत्या कर दी थी। सात दिन तक मैं बीहड़ में भटकने के बाद अपने गांव
जमालीपुर आ गयी। और गांव में रहने लगी तो तत्कालीन एस0 एस0 पी0 दलजीत सिंह
चौधरी इटावा ने कोतवाली प्रभारी व एस0 ओ0 जी0 प्रभारी ने रेनू के गांव जाकर
रेनू को थाना सिविल लाइन लाकर 14 फरवरी को मुझे फर्जी तरीके से जेल भेज
दिया। तब से मैं जेल में रहकर अपनी बेगुनाही सावित करने के लिए विभिन्न
जनपद न्यायालयों के चक्कर लगाती रही तथा कही जेलों में रही। रेनू यादव ने
माना कि हर इन्सान को भगवान व न्याय पालिका पर पूरा भरोसा करना चाहिए कही
न्यायलयों ने तो पुलिस को कड़ी फटकार लगाकर मेरे अपहरण व वरामदगी पर फटकार
लगायी और ससम्मान दोषमुक्त किया। 29 मई 2012 को सात वर्ष तीन माह 15 दिन की
अदालती कार्यवाही झेलने के बाद मै नारी बन्दी निकेतन लखनऊ से रिहा की गयी।
पूर्व दस्यु सुन्दरी रेनू यादव ने कहा कि मै अपनी वाकी बची जिन्दगी को
गरीबों पीड़ितों की सेवा में लगाना चाहती हूॅ।
इटावा
और औरैया पुलिस के रिकार्ड के अनुसार रेनू यादव का नाम डाकू सूची मे दर्ज
है। रेनू यादव के खिलाफ दोनो जिलो मे करीब 15 अपराधिक मामले दर्ज है। जिनमे
पुलिस मुठभेड के साथ आगजनी,हत्या के प्रयास के अलावा लूट जैसे वारदातो को
अंजाम देने जैसे मामले है। रेनू यादव वैसे तो अपनी अपराधिक वारदातो से
बीहडो मे भले ही चर्चा मे बनी रही हो लेकिन उसे देखा गया था पहली बार जब
इटावा की सिविल लाइन पुलिस ने इटावा रेलवे स्टेशन के पास से एसएलआर के साथ
गिरफतारी की गई।
चंबल
घाटी के इतिहास मे फूलन देवी की तर्ज पर कई महिला डकैत राजनीति मे आ चुकी
है इससे पहले सीमा परिहार भी शिवसेना,इंडियन जस्टिस पार्टी मे होते हुये
समाजवादी पार्टी मे आ चुकी है लेकिन इस समय सीमा परिहार ने खुद को राजनीति
से खुद को दूर कर रहा है क्यो कि वुंडेड फिल्म के जरिये सीमा की जो कहानी
आम लोगो की बीच आई उससे वो खुद काफी लोकप्रिय हो गई है। बिगबॉस मे तो पिछले
दिनो दर्शक सीमा परिहार को देख ही चुकी बिगबॉस से सीमा परिहार को खास
आर्थिक लाभ तो हुआ ही है साथ ही सीमा परिहार को कई हिंदी और भोजपुरी फिल्मो
मे भी काम मिल चुका है अब ऐसे ही जाहिर है चंबल मे कभी आंतक मचा चुकी
दूसरी दस्युसुंदरिया भी अपने आप को स्थापित करने के लिये राजनीति का सहारा
लेने मे जुट गई। सीमा परिहार की चंबल घाटी की पहली ऐसी दस्यु सुंदरी रही है
जो डाकू रहने के दौरान
ही
मां बन गई हो इससे पहले ऐसा कोई दूसरा उदाहरण चंबल ना तो देखने को मिला था
ही सुनने को मिला था इसके बाद आया नंबर सलीम गैंग की सुरेखा नाम की महिला
डाकू का जिसने बेटे को जन्म दिया सुरेखा को उम्रकैद की सजा हो चुकी है। मूल
रूप से मध्यप्रदेश भिंड की रहने वाली सुरेखा इस समय भिंड जेल मे उम्रकैद
की सजा काट रही है। रेनू यादव चंबल घाटी की तीसरी ऐसी महिला मानी जा रही है
जिसने मां बनने का सौभाग्य हासिल किया है।
समाजवादी
पार्टी के जरिये राजनीति मे उतरने का सपना देख रही रेनू यादव एक बेटी की
मां है रेनू यादव जिस समय चंदन यादव गैंग मे हुआ करती थी उसी समय उसने एक
बेटी को जन्म दिया था जो आज रेनू की मां के पास जमालीपुर गांव मे रह रही है
करीब आठ साल की हो चुकी रेनू की बेटी अब स्कूल मे पढने के लिये जाने लगी
है।
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