चंबल पर बाजार के नाखून गड़ने लगे हैं। इसका ताजा उदाहरण मुरैना के बीहड़ हैं। यहां से किसानों को खदेड़ा जा रहा है। इसका विरोध भी शुरू हो गया है। मुरैना - चंबल के बीहड़ में ग्राम अटार, मदनपुरा, देवलाल पुरा, खेरो, खिर कारी, डिगवार , रहूगांव, रेमजा का पुरा की लगभग 600 हैक्टेयर भूमि ,रक्षा मंत्रालय (डीआरडीओ )बधरेंटा के प्रोजेक्ट के एवज में वन विभाग को आवंटित की गई है। इस जमीन पर लगभग 1000 परिवार कई पीढ़ियों से काबिज होकर कास्त कर रहे हैं । उद्योग धंधे नहीं होने से उनकी आजीविका इसी भूमि से पैदा होने वाली फसल से चलती है। इस जमीन को वन विभाग को आवंटित किए जाने से उक्त सभी परिवार विस्थापित होकर भुखमरी के शिकार हो जाएंगे । इस संबंध में सैकड़ों महिला ,पुरुष, बच्चे इकट्ठे होकर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रेषित करने आए । उन्होंने मुख्यमंत्री तथा कलेक्टर के नाम ज्ञापन प्रस्तुत कर वन विभाग के आवंटन को रद्द करने तथा वीहड की जमीन के पट्टे काबिज किसानों को देने की मांग की। उक्त मामले पर ज्ञापन स्थानीय अधिकारियों द्वारा लिया गया। परंतु बाद में कलेक्टर महोदय से प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की । उन्होंने मामले की जांच कराने तथा स्थिति को देखते हुए कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है। इस कार्यवाही का नेतृत्व मध्य प्रदेश किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक तिवारी, छात्र नेता राजवीर सिंह धाकड़ ,किसान सभा के जिला अध्यक्ष रामनिवास शर्मा ,किसान नेता श्री कृष्ण यादव ने किया। ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमंडल में घमंडी केवट, भैरव लाल भूतपूर्व सरपंच, काशीराम केवट, रघुवीर केवट, राम चरण केवट, आदि शामिल रहे। किसान नेताओं ने आगामी कार्यक्रम के लिए सबलगढ़ में 23 फरवरी को प्रदर्शन का ऐलान किया है।
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