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मंगलवार, 18 अक्तूबर 2011

गट्टा गिरोह की पुलिस को खुली चुनौती







मोरावन के हथेड़ी गांव की खिरकाई पर रात भर मचाया तांडव
मोटर साइकिल जलाई, युवक का हाथ और नाक काटे
मध्यप्रदेश के श्योपुर से एक रिपोर्ट
डकैत राजेन्द्र गुर्जर उर्फ गट्टा की मौत के बाद गिरोह के सरगना बने पप्पू गुर्जर ने एक बार फिर खुले शब्दों में पुलिस को चेतावनी दी है। डकैत पप्पू गुर्जर ने एक पत्र के माध्यम से पुलिस अधीक्षक व एसडीओपी को धमकी दी है कि गट्टा की मौत के साथ जो सामान मोरावन, नसीहर और कोलूपुरा के ग्रामीणों ने लूटा है, पुलिस उसे तत्काल वापस दिलाए अन्यथा तीनों गांवों में तबाही मचा दूंगा। उसने सिर्फ धमकी ही नहीं दी बल्कि वह क्या कर सकता है यह दिखाने के लिए मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के हथेड़ी गांव की खिरकाइयों पर रात भर तांडव मचाया। मोटरसाइकिल को आग के हवाले किया, वहीं गुर्जर समाज के मोरावन व नसीहर में रहने वाले छह ग्रामीणों की जमकर मारपीट की और जाते-जाते एक का हाथ व नाक काट ले गया। खबर मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने गंभीर रूप से घायल हुए युवक को ग्वालियर उपचार के लिए भेज दिया है।
घटनाक्रम के मुताबिक शुक्रवार की रात करीब साढ़े ८ बजे पुलिस की वर्दी में डकैत पप्पू गुर्जर अपने ६ हथियारबंद साथियों के साथ हथेड़ी गांव की खिरकाईयां पर पहुंच गया। पहले तो डकैतों ने खिरकाई पर सो रहे निहाल सिंह (२७) पुत्र मानसिंह, सोहनसिंह (२५) पुत्र नारायण सिंह, मुकेश (२५) पुत्र मानसिंह निवासी नसीहर को जगाया और फिर चाय पीने की इच्छा जाहिर की। इस दौरान डकैतों का व्यवहार घटना के विपरीत था। बातों ही बातों में गिरोह के सरगना पप्पू गुर्जर ने तीनों युवकों से खिरकाई पर कितने लोग हैं, कौन कहां गया है, की जानकारी ले ली। करीब साढ़े ९ बजे जैसे ही पहले से डीजल लेने गए मोहर सिंह (२७) पुत्र हरीलाल, पंजाब (१८) पुत्र अमरसिंह, मुकेश (२१) पुत्र नारायण निवासी मोरावन वापस खिरकाईयों पर पहुंचे, डकैतों को अपने तीनों साथियों के पास बैठे देख उनकी रुह कांप गई। डकैतों ने पहले तो सबके साथ बैठकर चाय पी और फिर करीब साढ़े १० बजे अपना असली रूप दिखा दिया। एक-एक कर गिरोह के सदस्यों ने ग्रामीणों की पहले तो मारपीट की और फिर पुलिस के नाम एक चि_ी थमा कर मोहर सिंह (२७) पुत्र हरीलाल निवासी मोरावन का बांया हाथ व नाक काट दिए। जाने से पहले डकैतों ने खिरकाई पर बनी पाटोर के बाहर रखी मोहर सिंह की मोटर साइकिल की टंकी में जलती माचिस की तीली डालकर उसे आग के हवाले कर दिया। डकैतों के जाने के बाद भयभीत ग्रामीण गिरते-पड़ते टिकटोली पहुंचे, जहां से उन्होंने अपने परिजनों को सूचना दी। परिजनों ने तत्काल घटना से सेसईपुरा थाना पुलिस को अवगत कराया। घटना के तीन घंटे बाद मौके पर पहुंची पुलिस गंभीर रूप से जख्मी मोहर सिंह को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कराहल लेकर आई, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसे ग्वालियर के लिए रेफर कर दिया।

क्या लिखा है गिरोह के सरगना पप्पू ने...
गट्टा गिरोह के सरगना पप्पू गुर्जर टाइगर ने पुलिस अधीक्षक और एसडीओपी कराहल व सेसईपुरा थाना प्रभारी को सम्बोधित करते हुए लिखा है कि गिरोह के सरगना गट्टा की मौत के समय ग्रामीणों ने गिरोह के १५९ कारतूस व दो लाख ७७ हजार रुपए, पांच तौला सोने की जंजीर, चार अंगूठी, चार मोबाइल पुलिस को नहीं मिल हैं। क्योंकि ग्रामीणों ने छुपा लिए थे। पुलिस गिरोह के सामान को दिलाए, अन्यथा मोरावन, नसीयर और कोलूपुरा में तबाही मचा दूंगा।

पहले भी कई बार किया है गिरोह ने मोरावन में हमला...
गिरोह के सरगना राजेन्द्र गुर्जर उर्फ गट्टा की मौत के बाद गिरोह के साथियों ने गट्टा की मौत का बदला लेने के लिए पहले भी कई बार ग्रामीणों को धमकी दी है। ६ जनवरी को जहां गिरोह ने ग्रामीणों को धमकाया था, वहीं ४ जून की रात को मोरावन निवासी पप्पू गुर्जर के घर पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी। खरीफ की बोवनी से पूर्व भी गट्टा गिरोह ने ग्रामीणों को कई बार मोरावन गांव में आकर खेती करने से रोका था।

कैसे हुई थी गिरोह के सरगना गट्टा की मौत...
गिरोह का सरगना राजेन्द्र गुर्जर उर्फ गट्टा ३ जनवरी २०११ की रात को अपने साथियों के साथ मोरावन गांव में रुका था। शराब पीने के बाद गिरोह में आपस में विवाद हो गया। इस बीच जमकर गोलीबारी हुई, जिसमें गिरोह के मुखिया गट्टा की मौत हो गई। गिरोह के बचे हुए साथियों को शक हुआ कि गट्टा की मौत मोरावन निवासी पप्पू गुर्जर की गोली से हुई है, तभी से गिरोह मोरावन गांव को निशाना बनाए हुए है।

क्या चाहता है पप्पू गुर्जर का गिरोह...
पप्पू गुर्जर गिरोह ने कई बार मोरावन गांव में आकर गिरोह के पूर्व सरगना राजेन्द्र उर्फ गट्टा की याद में गांव के बीचों-बीच चबूतरा बनाने की मांग रखी है। गांव वाले चबूतरा इसलिए नहीं बनाना चाहते कि पुलिस उन पर गिरोह से मिले होने का आरोप लगाएगी। एक ओर पुलिस का भय दूसरी ओर डकैतों का खौफ ग्रामीणों की जिंदगी को नर्क बनाए हुए है।

दहशत में हैं तीनों गांवों के निवासी...
डकैतों का ग्रामीणों में इतना भय है कि वह पुलिस और मीडियाकर्मियों से बात करने तक को तैयार नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार गिरोह के सरगना पप्पू गुर्जर ने ग्रामीणों को पुलिस और मीडियाकर्मियों से रूबरू होने पर जान से मारने की धमकी दी है। यही वजह है कि ग्रामीण कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है।

क्या कहते हैं पुलिस अधीक्षक

- पुलिस पार्टियां सर्चिंग के लिए जंगल की तरफ कूच कर चुकी हैं। यह बात सही है कि पहले भी इस गिरोह ने मोरावन में गोलीबारी की है। गिरोह के खात्मे के लिए पुलिस पूरी तरह से प्रयासरत है।
महेन्द्र सिंह सिकरवार
पुलिस अधीक्षक

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