शनिवार, 31 जनवरी 2009
जगन ने डाल दिए हथियार
11 लाख के ईनामी बदमाश जगन गुर्जर भी आखिर प्यार के आगे हार ही गया। साथी दस्यु कौमेश की गिरफ्तारी के बाद टूटे जगन ने आखिरकार बसंत पंचमी यानी 31 जनवरी को आत्मसमर्पण कर ही दिया। जगन ने करौली जिले के निकटवर्ती गांव कैमरी में स्थित जगदीश मंदिर परिसर में बसंत मेला के दौरान दौसा सांसद सचिन पायलट के सामने शाम 4बजकर 30 मिनट पर सरेंडर कर दिया। इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। जगन गुर्जर के खिलाफ राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश में 72 मुकदमें दर्ज हैं। इनमें से दो दर्जन हत्या के हैं। जगन का बीहड़ी जीवनजगन का बीहड़ों में प्रवेश 1994 में हुआ। इसके बाद उसके चार भाई भी गैंग में शामिल हो गए। वर्तमान में उसके गैंग में 25 सदस्य हैं। जगन गुर्जर अकेला ही 315 वोर की रायफल और 10 जिंदा कारतूस की पेटी लटकाकर मेला स्थल आया। यहां पुलिस अधिकारियों के प्रतिनिधि के रुप में मौजूद करौली के अपर पुलिस अधीक्षर ने उससे हथियार लेकर हिरासत में ले लिया। इस मौके पर उसने कहा कि अब वह सामाजिक जीवन जीना चाहता है। उसने स्वीकारा कि उत्तरप्रदेश की पुलिस के लोगों के उसकी मिलीभगत थी और यहीं से उसे हथियार और कारतूस मिलते थे। जगन ने कुछ शर्ते भी रखी हैं लेकिन इसके विषय में अधिकारी अभी कुछ नहीं बता रहे हैं।
शुक्रवार, 30 जनवरी 2009
सरेंडर चाहता है जगन
मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश की सीमा की दहशत और 11 लाख का ईनामी डकैत जगन गुर्जर अब थकने लगा है। वह सरेंडर चाहता है। मैं पहले ही इस बात की संभावना व्यक्त कर चुका हूं। असल में लगातार पकड़े जा रहे गिरोह के साथी और दस्यु प्रेमिका कौमेश की गिरफ्तारी के बाद जगन बेहद कमजोर हो गया है। इससे वह सरेंडर चाहता है। सूचना है कि वह करौली के किसी टीवी जर्नलिस्ट की मार्फत समर्पण का प्रस्ताव भी दे रहा है। उसकी शर्त सिर्फ इतनी है कि समर्पण के बाद उसे ज्यादा परेशान न किया जाए। हालांकि पुलिस अभी इसके लिए तैयार नहीं है और वह कमजोर पड़ते जगन को मुठभेड़ में गिरफ्तार करना चाहती है। जगन राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री को जान से मारने की धमकी देने और गुर्जर आंदोलन के दौरान चर्चा में आया था।
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