शनिवार, 16 जनवरी 2010
सब कुछ शांत नहीं बीहड़ में
बीहड़ ऊपर से भले ही शांत दिखाई दे रहा हो लेकिन यहां सब कुछ शांत नहीं है। तमाम बड़े डकैतों के मारे जाने के बाद भी अभी उनके हथियार और साथी सुरक्षित हैं। यह सही है कि अभी इन साथियों ने अपनी गतिविधियों को शांत कर रखा है लेकिन इसे बड़ी तैयारी भी माना जा रहा है। आगरा, धौलपुर और मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों में आतंक का पर्याय रामविशेष गुर्जर, जगन गुर्जर के साथी संगठित हो रहे हैं तो चित्रकुट में भी रागिया, केवट गैग के बचे साथियों ने संगठित होना शुरू कर दिया है। इटावा और औरैया का बीहड़ अभी कुछ शांत है।
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