मंगलवार, 30 जून 2009
राजकुमार गैंग का सदस्य पकड़ा
रविवार, 28 जून 2009
बीहड़ टूरिज्म हमारे साथ
आखिर कहां है पंजाब गुर्जर
मंगलवार, 23 जून 2009
सुरक्षाकर्मी ही निकला अपहरण कांड का विभीषण
नंगे पैर घंटों दौड़ाया
अपहृतों के साथ राजकुमार गैंग ने दरिंदगी का व्यवहार किया। उनके जूते उतरवा लिए। कंटीली झाड़ियों और बीहड़ के ऊबड़ खाबड़ रास्ते पर नंगे दौड़ाया गया। इससे शरद झावर की हालत तो बेहद खराब हो गई। सुरेश के पैर में राड पड़ी थी इससे वह भाग नहीं सके। भूख प्यास से बुरा हाल था। उनके साथी कुछ समय तक उन्हें साथ लेकर भागते रहे लेकिन कुछ देर बाद उनकी मौत हो गई।
राजकुमार का दादा भी था डकैत
सिमरई गांव में राजकुमार का घर
राजकुमार और उसका भाई राजनारायण का दादा भी अपने जमाने में डकैत रहा था। रामसनेही के यह दोनों पुत्र भिंड जिले के गोरमी थाना क्षेत्र के स्वेच्छापुर गांव के रहने वाले थे। सिमरई गांव में अब उनका घर खंडहर हो चुका है। उनके दादा रामलाल का साठ के दशक में चंबल के बीहड़ों में आतंक था। क्षेत्र के बुजुर्ग बताते हैं कि रामलाल ने 40 साल पहले अकेले ही तीन दिन तक राजस्थान पुलिस से लोहा लिया था। राजकुमार और राजनारायण ने 2007 में गोरमी थाने के स्वेच्छापुर गांव में भारत भूषण उर्फ सेठी की हत्या की थी। दो साल में दोनों भाइयों ने मध्यप्रदेश के पावुई, अटेर, गोरमी, महुआ थाना क्षेत्र में ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम देकर आतंक मचा दिया था। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मध्यप्रदेश पुलिस ने दोनों पर 15-15 हजार रुपये का ईनाम घोषित किया है। फिलहाल गैंग में दस सदस्य हैं। राजकुमार हमेशा वर्दी में रहता है। उसके सदस्य उसे फौजी कहकर बुलाते हैं।
सोमवार, 22 जून 2009
अपहृत छोड़कर भाग गया राजकुमार
बीहड़ का दशकों का सपना पंचनद बांध
पंचनद बांध बीहड के सपनों में शामिल है। सपना जो सत्ताधारी यहां की जनता को बीते तीन दशकों के दिखा रहे हैं. पंचनद मध्यप्रदेश के भिंड और उत्तरप्रदेश के इटावा, जालौन, औरैया जिले की सीमा पर यमुना और उसकी सहायक नदियों चंबल, क्वारी, पहुंच और सिंध का मिलन स्थल है। इस जगह पर ही वह प्रसिद्ध मंदिर है जिसके बारे में कहा जाता है कि तुलसीदास ने यहां प्रवास किया हो। आज तो यह स्थल बीहड़ में अपराध और गरीबी के बीच सांसे ले रही जनता और उपजाऊ होने के बाद भी बेकार पड़ी बीहड़ की जमीन को एक नई जिंदगी दे सकता है। इस बांध पर सबसे पहली योजना1986 में बनी थी। यहां बांध बनाने की बात इंदिरा गांधी ने कही थी। तब बनाई गई योजना के प्रस्ताव को संक्षिप्त रूप में जस का तस यहां दे रहा हूं। अधिशासी अभियंता सिंचाई निर्माण खंड, मऊरानीपुर एसपी शुक्ला ने बनाया था।
पंचनद बांध योजना के तहत उत्तरप्रदेश के औरैया जनपद में यमुना नदी पर औरैया घाट से 16 किमी अपस्ट्रीम में सढरापुर गांव में बैराज का निर्माण प्रस्तावित है। इस स्थल के अपस्ट्रीम में चंबल, क्वारी, सिंध और पहुंज नदियां मिलती हैं। इस परियोजना से सिंचाई के साथ-साथ विद्युत उत्पादन भी होगा। दिनांक 29.6.81 को श्री जीके मिश्रा, प्रमुख अभियंता सिंचाई विभाग उप्र की अध्यक्षता में मुख्य अभियंता कंसलटैंसी कमीटी द्वारा केंद्रीय जल आयोग के निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में यह निर्णय लिया गया कि प्रस्तावित पंचनद बांध के डाउन स्ट्रीम में कम से कम 3000 क्सूसेक के डिस्चार्ज अवश्य छोड़ा जाना चाहिए। न्यूनतम 3000 क्यूसेक की क्षमता का जल विद्युत स्टेशन प्रस्तावित किया जाए। इस परियोजना के अंतर्गत विभिन्न प्रस्तावों का संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित हैं-
डैम,बैराज-
कुल 764 मी. लंबे बैराज का निर्माण प्रस्तावित है। इसमें 12 मी. के 41 अदद बे होंगे। कुल 40 अदद पीयरों में से 34 अदद पीयर की मोटाई 5 मी. होगी एवं 6 अदद पीयर मी मोटाई 17 मी. होगी। इन्हीं 6 अदद पीयरों में पावर यूनिट लगाए जाएंगे। इनमें प्रत्येक की क्षमता 15 मेगावाट होगी। बैराज के दोनों और गाइड बांध और एफ्लक्स बांध का प्रस्ताव है। बैराज में केस्ट की ऊंचाई 4 मी. एवं 21 मी. ऊंटे ट्रेनर गेट होंगे। इसकी जीवंत क्षमता 3578 मिलियन घमी (2.9 मिलियन एकड़ फुट) होगी। इसमें 1 जनवरी से 30 जून तक के इनफ्लो की गणना में शामिल नहीं किया गया है। 1 जुलाई से 31 दिसंबर तक के इनफ्लो से 2677 मिलियन घमी. सिंचाई के लिए प्रयुक्त होगा और 8581 मिलियन घमी. पावर यूनिटों के रास्ते नीचे छोड़ा जाएगा। शेष मानसून रन आफ के रूप में 10121 मिलियन घमी. जल बैराज बे से इस्केप किया जाएगा।
पावर हाउस
छह अदद पीयर टाइप पावर यूनिटों का प्रावधान है। इसमें प्रत्येक की क्षमता 15 मेगा वाट होगी। इस प्रकार जनित 90 मेगावाट से कुल 410 मिलियन यूनिट विद्युत पैदा होगी जिसमें से 157 मिलियन यूनिट बाएं और दाएं तट पर प्रस्तावित फीडरों में पानी छोड़ने में प्रयुक्त होगी एवं शेष 253 मिलियन यूनिट कामर्शियल उद्देश्य के लिए प्रयुक्त होगी।
लिफ्ट फीडर कैनाल
जलाशय के दोनों तट पर एक-एक लिफ्ट फीडर कैनाल का प्रावधान किया गया है। कुल 7150 क्यूसेक जल को पंप किया जाएगा। इसमें से 6150 क्यूसेक बाएं फीडर में डाला जाएगा और 1000 क्यूसेक दाहिने फीडर में डाला जाएगा।
बायां फीडर- इसकी लंबाई 72 किमी. होगी। इसमें भोगनीपुर, इटावा और कानपुर में निचली गंगा नहर प्रणाली एवं पश्चिम इलाहाबाद शाखा को पोषित किया जाएगा।
दायां फीडर- इसकी लंबाई 5.40 किमी होगी जिससे बेतवा नहर प्रणाली के कुठोंद शाखा को पोषित किया जाएगा।
पंचनद बांध परियोजना से लाभ-इस परियोजना से 4.42 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी जिससे बाएं तट पर निचली गंगा नहर प्रणाली के कमांड में सिंचाई की तीव्रता 70 फीसदी से बढ़कर 102.4 फीसदी होगी। दाएं तट पर बेतवा नहर प्रणाली के कुठोंद शाखा के कमांड में सिंचाई की तीव्रता 65 से बढ़कर 85.8 हो जाएगी। इससे 8880 लाख रूपये (वर्ष 1982 की दरों पर आधारित) का अतिरिक्त वार्षिक खाद्यान्न की पैदावार होगी।इस योजना से सिंचाई के अलावा 410 मिलियन यूनिट की बिजली प्रति वर्ष पैदा होगी। इसमें से 157 मिलियन यूनिट दोनों तटों पर प्रस्तावित फीडरों में जल डालने में व्यय होगा एवं शेष 258 मिलियन यूनिट कामर्शियल उद्देश्य के लिए उपलब्ध होगा।
परियोजना की लागत
वर्ष 1982 की दरों पर आधारित परियोजना की कुल लागत 55934.49 लाख रुपये आगणित की गई थी। इसमें से सिंचाई सेक्टर की लागत 43308.40 लाख रुपये थी एवं पावर सेक्टर की लागत 12626.09 लाख रुपये आगणित की गई थी। परियोजना की फिजीबिल्टी रिपोर्ट तैयार की गई थी। परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट का कार्य फरवरी 2008 से सिंचाई निर्माण खंड मऊरानीपुर द्वारा किया जा रहा है। वर्ष 1982 से अब तक परियोजना की लागत तीन गुने से भी अधिक होने की आशा है।
रविवार, 21 जून 2009
एकजुट हो रहे शंकर और उमर के साथी
अभी जिंदा है सुंदर पटेल
चंबल में घिरा कुख्यात राजकुमार गैंग
सिमराई गांव का है कुख्यात राजकुमार
चंबल के बीहड़ में एक नई ताकत के रूप में उभरा राजकुमार मूलरूप से उत्तरप्रदेश की बाह तहसील के खेड़ा राठौर थाने के सिमरई गांव का रहने वाला है। उसने चंबल के बीहड़ में मध्यप्रदेश के क्षेत्र में अपराध कर इस दुनिया में कदम रखा। राजकुमार का छह सदस्यीय गैंग मध्यप्रदेश में वारदात कर उत्तरप्रदेश के जंगलों में छिपता रहा है। उसके एक साथ छह लोगों का अपहरण कर यूपी, एमपी पुलिस को खुली चुनौती दी है।